एक मुलाकात समाज के समझदार लोगो से .......
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जो अपनी निजी जीवन को सुधार नहीं पाए वो दुसरे लोगो को क्या सिखाएंगे अधिकतर उनकी सभावो में जो लोग नजर आये उनमे उनके चमचो की संख्या ज्यादा पायी गयी ...
तो चलिए चमचो की बात पहले ही कर लेते है जिन्होंने इनको समझदार कहा फालो किया .....
चमचे (पत्तेचाट) जिनकी तादाद भारत में सबसे ज्यादा है जो एक बोतल दारु ,मुर्गा पर अपने जीवन के बड़े से बड़े निर्णय बदल देते है अगर गाँव में जाए तो कुछ चमचे एक बोतल दारु के खातिर अपनी बहु बेटियों का सौदा भी कर देते हैंजो की महापाप है खैर आखिर ये चमचे ही है इनकी अपनी मजबूरियाँ है सबसे बड़ी सबसे महतव्पूर्ण उनकी आर्थिक समस्या जिनसे भारत देश की ७०% आबादी जूझ रही है खैर इन्हें समझाया ही जा सकता है की खूब मेहनत करो और इस तरह की हरकतों से दूर रहो
मगर ये समाज सुधारक ,पंचायत के लोग व वो सभी जमीदार........
जिनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ते है कुछके तो देश के बहार भी पढने जाते है जो खुद एक अच्छी समझ रखते है उन्हें क्यों ये समझ नहीं आता की सिर्फ झूठी वावाही पर जीवन नहीं चलता सिर्फ रुपय के लिए उनका शारीरिक,मानसिक शोषण करना कितना ठीक है आप भी इंसान है अत्यंत दुःख है की आप पढ़े लिखे भी है पर कोई मानवता नहीं नैतिकता तो मर सी गयी हो जैसे और अपने ज्ञान का नकारात्मक इस्तेमाल करना अपनी साड़ी उर्जा अपने आपको बचाने में लगाना यही ख़त्म नहीं होती ये बात .....इसका प्रभाव भी देख लीजिये
अब आपके बच्चे अच्छे बनेंगे ऐसा ही सोचते है न आप पर होता क्या है की कोई पागल हो जाता है तो कोई शराबी बन जाता है या कोई अपाहिज होता है या बन जाता है साहब ये किसी की गुरुवाणी नहीं है ये आपके कर्म है .
By
Manish Shukla
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