मोदी को अहमियत मिलने की ख़ास वजह यह है भी हो सकती है कि पार्टी में ऐसे काफी लोग है जो अगले आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार रूप में पेश करना चाहता है ,इसलिए राजनाथ सिंह के लिए यह अनदेखी कर पाना मुश्किल रहा होगा ,इसी के साथ मोदी के करीबियों पर भी मेहरबानी कि कोई कोताही नही छोड़ी गयी ,अमित शाह मोदी के खासम -खास कहे जाने वाले गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री को महासचिव बनाया गया है ,अमित शाह के ऊपर सोहाराबद्दीन फर्जी मुठभेड़ काण्ड साजिश रचने के आरोप के कारण मंत्रिमंडल से हटाना और जेल जाना पड़ा था |शाह अभी जमानत पर बाहर हैं , राजनाथ सिंह इस चेहरे को शामिल कर पार्टी के किस -चाल और चरित्र का परिचय दिया है ?
पिछले लोकसभा चुनाव में अल्फसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलने वाले वरुण गाँधी को महासचिव बनाया गया है | दूसरी ओर जसवंत सिंह ,यशवंत सिन्हा और रविशंकर प्रसाद जैसे नेताओं को इस संसदीय बोर्ड से दूर रखा गया है | कहीं ये मोदी का पार्टी के अन्दर बढ़ता कद तो नही है पर नई टीम की पहली अग्नि परीक्षा कर्नाटक होगी ,हाल ही में हुए कर्नाटक के नगर निकाय चुनाव में पार्टी को मुह की खानी पड़ी है ,क्या मोदी कर्नाटक की बाज़ी पलट सकते हैं ? कर्नाटक के नतीजे अगले आम चुनाव में सिर्फ भाजपा कि सम्भावनाएं बल्कि मोदी की दावेदारी को भी प्रभावित कर सकते हैं वही पार्टी के निवर्तमान पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह पार्टी के नाथ सिद्ध होंगे ये देखना भी रुचिकर होगा पर पार्टी को चुनाव के समय नाथ की नही दीनानाथ की जरूरत होती है और लोकतांत्रिक मिजाज में कुछ भी कहना अतिश्योक्ति होगा क्योंकि अंतिम निर्णय जनता पर निर्भय करता है |
