तो समझ लेना कि ....मेरी दुआ ने छुआ है तुम्हे।

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जलती हुई धूप में चलते-चलते
कोई हवा का एक झोंका तुम्हे स्पर्श करे
तो समझ लेना कि ...........मेरी दुआ ने छुआ है तुम्हे।
उन रेतीली राहों पर चलते-चलते जब पाँव जले
फिर किसी पेड़ की तुम्हे शीतल छांव मिले
तो समझ लेना कि ...........मेरी दुआ ने छुआ है तुम्हे।
जब प्यासी हो जिन्दगी और तुम्हे पीर मिले,
फिर राहत का तुम्हे ठंडा नीर मिले,
तो समझ लेना कि ...........मेरी दुआ ने छुआ है तुम्हे।
जब डगमगाए नौका न कोई सहारा मिले,
फिर किस्मत से गर तुन्हें किनारा मिले,
तो समझ लेना कि ...........मेरी दुआ ने छुआ है तुम्हे।
Written By- Swati Gupta
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