कहते हैं अगर आपको अपने प्रतिद्वंदी को हराना हैं तो उसके नाम तक को जनता के जहन से मिटाना होता है मगर कांग्रेस इसके विपरीत ही नज़र आ रही है क्यूंकि मोदी का प्रचार करने में जितनी सक्षम शायद बीजेपी और खुद मोदी नहीं रहे, उनके इस काम को कांग्रेस ने मूर्खतावश बखूबी अंजाम दिया है, कल तक एक ऐसा बड़ा वर्ग था जो मोदी को सिर्फ गुजरात के मुख्यमंत्री और हिन्दूवादी नेता के रूप में जानता था, पर अब वो मोदी को बिना किसी घोषणा के बीजेपी की तरफ से प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार के रूप में जानने लगा है | मोदी से जुड़े हर विवाद और उस पर आयी कांग्रेस की प्रतिक्रया से मोदी एक मजबूत ब्रांड की तरह लोगो के सामने आ रहे हैं जिसका लाभ मोदी को २०१४ के चुनावों में भी मिल सकता है |
मोदी के साक्षात्कार में कही बात का सियासी दलों और राजनितिक पंडितो ने अपना मतलब निकला और कांग्रेस के साथ-साथ ज्यादातर सियासी दलों ने मोदी के खिलाफ बयानों की जंग छेड़ दी | मोदी आमतौर पर गुजरात दंगो पर बोलने से किनारा किया करते है, मगर शायद अब वो समझ गए है कि अपनी हिन्दुत्ववादी छवि को किस तरह से उपयोग में लाया जाए |
काल्पनिक कुत्ते की मौत पर उमड़ा ये बवाल न जाने कहाँ जाकर थमेगा, मगर एक बात तो तय है की मोदी पर विपक्षीय पार्टियों की बयानबाजी से, मोदी का ही प्रचार और प्रसार होगा एवं जो लोग मोदी और उनकी छवि से परचित नहीं हैं वो भी मोदी से परिचित हो जायेंगे जिसका लाभ मोदी को आने वाले समय में अवश्य ही मिलेगा |