वक़्त का कोई मोल नहीं होता
यह बड़ा अनमोल है
रुकता नहीं कभी किसी के लिए
इसका यही झोल है
कभी आता किसी के पास अच्छा
कभी आता किसी पर बुरा है
बिना वक़्त के जीवन बिल्कुल अधुरा है
वक़्त ही सिखाता है
वक़्त ही रुलाता है
यही ज़िन्दगी के हर उतार चड़ाव
व्यक्ति को जीवन में दिखता है
जिसने करा इस्तेमाल सही
उसके वारे न्यारे है
निकल गया अगर सही वक़्त
फिर न अपनी किस्मत को मारे है !
कवि - विकास कटारिया -
Badhai dost
ReplyDeletethankx a lot pradeep sir
Deleteबहुत सुंदर भाई एक सत्य हे यह .
ReplyDeleteशुक्रिया राज सर !!:) :) :) :)
Deleteशुक्रिया संजय गिरी जी !!
ReplyDeleteshukriya ji !!
ReplyDeletewaqt koe sath chalo ye gaya to tum gaye
ReplyDeletethankx a lot brother for the lovely compliment
Deleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया बड़े भाई साहब जी ! :)
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