Home blog यादों की किताब से बचपन की शैतानियों तक यादों की किताब से बचपन की शैतानियों तक Author - RAFTAAR LIVE 01:13 0 कभी रूठता, कभी मनातालड़-झगड़ कर, दुश्मन को भी प्यार करताहर खता को माफ़ कर देता है ये बचपन....झूठ की परछाइयों से दूर भागतासच को गले लगाताभोलेपन की मिसाल है ये बचपन....मिट्टी के खिलौने बनातापोषम पा भई पोषम करताखुद से ही छुपन-छुपाई खेलता है ये बचपन....न भूल पाने वाली यादों के साथकभी न लौट आने का वादे करकेरूठ के चला गया वो बचपन.....यादों की किताब बनकरज़िन्दगी के सफ़र में कहीं पीछे छूट चुकासचमुच बहुत अदभुत था वो बचपन.............सुप्रिया श्रीवास्तव........... Tags blog Facebook Twitter Whatsapp Newer Older