स्मरण / सुरैया (पुण्यतिथि 31 जनवरी) ये कैसी अज़ब दास्तां हो गई है, छुपाते छुपाते बयां हो गई है !

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पिछली सदी के चौथे और पांचवे दशक की अभिनेत्री तथा गायिका सुरैया भारतीय सिनेमा की पहली 'ग्लैमर गर्ल' मानी जाती है। वे अपने अभिनय के लिए कम, अपने सौंदर्य और मर्यादित, दिलफ़रेब अदाओं के लिए ज्यादा चर्चा में रही। उनका रहस्यमय आभामंडल ऐसा था कि देश के कोने-कोने से लोग उनकी एक झलक पाने के लिए कई-कई दिनों तक उनके घर के आसपास पड़े रहते थे। देवानंद के साथ उनका असफल रिश्ता, उनका अविवाहित तथा एकाकी जीवन और उनकी गुमनाम मौत बॉलीवुड की सबसे दर्दनाक और त्रासद प्रेम कहानियों में एक रही है। नायिका के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'तदबीर' 1945 में आई थी। सुरैया की अन्य चर्चित फिल्मे थीं - उमर खैयाम, विद्या, परवाना, अफसर, प्यार की जीत, शमा, बड़ी बहन , दिल्लगी, वारिस, विल्बमंगल, रंगमहल, माशूका, मालिक, जीत, खूबसूरत, दीवाना, डाकबंगला, अनमोल घडी, मिर्ज़ा ग़ालिब और रुस्तम सोहराब। अभिनेत्री के अलावा सुरैया अपने दौर की बेहतरीन गायिका भी थी जिनकी खनकती, महीन, सुरीली आवाज़ के लाखों मुरीद आज भी हैं। संगीतकार नौशाद ने पहली बार उन्हें फिल्म 'शारदा' में गाने का मौका दिया था। उनके कुछ बेहद लोकप्रिय गीत हैं - तू मेरा चांद मैं तेरी चांदनी, जब तुम ही नहीं अपने दुनिया ही बेगानी है, मन मोर हुआ मतवाला, तुम मुझको भूल जाओ, ओ दूर जानेवाले वादा न भूल जाना, मन लेता है अंगडाई, धड़कते दिल की तमन्ना हो मेरा प्यार हो तुम, नैन दीवाने एक नहीं माने, सोचा था क्या क्या हो गया, वो पास रहे या दूर रहे नज़रों में समय रहते हैं, मुरली वाले मुरली बजा, तेरे नैनो ने चोरी किया मेरा छोटा सा जिया, आपसे प्यार हुआ जाता है, नुक्ताचीं है गमे दिल उसको सुनाए न बने, दिले नादां तुझे हुआ क्या है, ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाले यार होता, ये कैसी अज़ब दास्तां हो गई है, ऐ दिलरुबा नज़रे मिला आदि। सुरैया की पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रधांजलि, फिल्म 'शमा' के लिए उन्हीं की गाई उनकी पसंदीदा ग़ज़ल के साथ !

धड़कते दिल की तमन्ना हो मेरा प्यार हो तुम 
मुझे क़रार नहीं जब से बेक़रार हो तुम 

खिलाओ फूल कहीं भी किसी चमन में रहो 
जो दिल की राह से गुज़री है वो बहार हो तुम 

ज़हे नसीब अता की जो दर्द की सौगात 
वो ग़म हसीन है जिस ग़म के ज़िम्मेदार हो तुम 

- कैफ़ी आज़मी

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