स्टॉप एसिड अटैक मुहिम चलाने वाले अलोक दीक्षित का हमारी रफ्तार लाइव की टीम ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार किया व उनसे इस मुहिम से सम्बंधित कुछ प्रष्न किये, नजर डालते हैं इस साक्षात्कार पर
अलोक- जी धन्यवाद ।
रफ्तार लाइव- अलोक जी आपने अपना यह अभियान कब प्रारंभ किया ?
अलोक- वैसे तों हमारा यह अभियान निर्भया दुर्घटना के एक वर्श पहले फेसबुक पर प्रारम्भ हो चुका था पर, जनअभियान के रूप मे इसका प्रारंभ निर्भया दुर्घटना के कुछ महीनो बाद 8 मार्च से प्रारंभ किया गया ।
रफ्तार लाइव- अपने इस अभियान के बारे मे कुछ बताइये ?
अलोक- वस्तुतः हमारा यह अभियान महिला हिंसा के विरोध मे प्रारंभ किया गया है, मै ये बहुत समय पहले महसूस करने लगा था कि महिलाओं के प्रति हिंसा कभी भी कानून के
द्वारा नहीं रोकी जा सकती है, इसके लिये एक ठोस प्रयास की आवष्यकता है जिसके द्वारा समाज मे एक नयी जागरूकता लाकर समाज मे व्याप्त महिलाओं के प्रति दोहरी सोंच को समाप्त किया जाये ।
रफ्तार लाइव- महिला हिंसा मे तो बलात्कार, छेड़खानी आदि भी आते हैं परन्तु आपने एसिड अटैक के खिलाफ ही अपना अभियान प्रारंभ किया ?
अलोक- देखिये, यधपि महिलाओं पर की गयी कोई भी, कैसी भी व कितनी भी हिंसा निंदनीय है परन्तु एसिड अटैक एक ऐसी हिंसा है जिसे भुक्तभोगी महिला चाह कर भी छुपा नहीं सकती है, उसके ऊपर हुई ऐसी घिनौनी हिंसा के सबूत ताउम्र रहते हैं जो उसे किसी मृत प्राणी के सामान बना देते हैं ।
रफ्तार लाइव- अलोक जी आपको अपना अभियान सफल क्यों लगता है ? दूसरे षब्दों मे पूछें तो आपके अभियान की सफलता का मापदण्ड क्या है ?
अलोक- वास्तव मे किसी भी सामाजिक अभियान का अंतिम और एकमात्र लक्ष्य होता है समाज मे पनपी विसंगति का अंत । हमारे अभियान का भी यही लक्ष्य है कि हम समाज की सोंच मे वह बदलाव ला सकें जिससे एसिड अटैक जैसी घिनौनी हिंसा का वजूद हमारे समाज से मिट सके, परन्तु जैसा मैंने कहा कि यह अंतिम लक्ष्य है जो भविश्य मे एक-न-एक दिन अवष्य पूरा होगा । इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हमने बहुत सारे उपलक्ष्य बनाये हैं, एक-एक करके हम अपने उपलक्ष्यों को प्राप्त करते जा रहे हैं, इसी कारण हम अपने अभियान को सफल मानते हैं, पहला उपलक्ष्य था कि लोग हमसे जुड़ें, आज हमारे इस अभियान से बहुत लोग जुड चुके हैं, हमारा दूसरा उपलक्ष्य था कि हम जिनके लिये लड़ रहे हैं वे हमारे अभियान के माध्यम से सषक्त होकर अपनी लड़ाई खुद प्रारंभ करें और देखिये आज हमारे अभियान मे बहुत सी भुक्तभोगी महिलाएं नाकि जुड़ी हैं बल्कि अपनी लड़ाई भी खुद लड़ रहीं हैं, लक्ष्मी आपके सामने इसका एक बड़ा उदाहरण है ।
रफ्तार लाइव- अलोक जी आप जानते हैं कि हमारा आज का युवा जागरूक है, जोष एवं होष से परिपूर्ण है, परन्तु प्रत्येक युवा एक अभियान नहीं चला सकता इसके बावजूद भी वह समाज के लिये कुछ करना चाहता है, ऐसे युवाओं को आप क्या सुझाव देना चाहेंगे ?
अलोक- अभियान चलाना तो एक अंतिम अस्त्र की भांति है, नए कानून का बनना नए अभियान का प्रारंभ होना ही इस बात का प्रमाण है कि समाज मे कोई न कोई बिमारी अवष्य व्याप्त है । मेरा तो यह मानना है कि एक स्वस्थ समाज वही होगा जिसमे न तो कोई नया कानून बनेगा और न कोई नया अभियान जन्म लेगा । हमारा भविश्य का समाज स्वस्थ हो इसकी जिम्मेदारी प्रत्येक युवा की है और यदि इस जिम्मेदारी को हमारे प्रत्येक युवा ने निभा लिया तो प्रत्येक जिम्मेदार युवक का छोटा प्रयास भी किसी बड़े अभियान से अधिक फलदायक होगा, युवाओं का कर्तव्य है कि अपने आस-पास होने वाली छोटी से छोटी सामाजिक हिंसा पर आवाज अवष्य उठायें ।
रफ्तार लाइव- अलोक जी हम आषा करते हैं कि हमारे पाठकों को आपके सुझावों से एवं आपसे प्रेरणा मिलेगी । हमारी पत्रिका का भी यही प्रयास है कि आप जैसे लोग द्वारा किये जा रहे क्रांतिकारी प्रयासों को हम समाज के प्रत्येक वर्ग एवं अंग मे पहुचाए ।
अलोक- आपकी पत्रिका का प्रयास सराहनीय है, आशा करता हूँ कि आपकी पत्रिका रफ्तार लाइव अपने प्रयासों मे अवष्य सफल होगी ।