बाबा
रामदेव के प्रमुख सहयोगी एवं वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने हाल मे ही कुख्यात
आतंकवादी जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद से पाकिस्तान की ‘पावन-धरती’ पर मुलाक़ात की। ट्वीटर पर एक फोटो के
माध्यम से उन्होने इस ‘अजीबोगरीब-मिलन’
की पुष्टि भी की। आपको बताना चाहूँगा वैदिक जी बतौर पत्रकार पाकिस्तान के दौरे पर
थे जहां उन्होने नवाज़-शरीफ़ से लेकर पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओ से मुलाक़ात की।
अब बड़ा
प्रश्न यह उठता है की क्या हाफिज़ सईद जैसे ‘भस्मासुर’ से मिलना अति-आवश्यक था? हाफिज़ सईद ना तो पाकिस्तान
का औपचारिक तौर पर कोई राजनेता है ना कोई बड़ी ‘प्रसिद्ध-हस्ती’? फिर भी वैदिक जी ने ऐसे ‘कुकर्मी’ जो की हजारो हत्याओ का जिम्मेदार है, उसके साथ
मिलना ‘उपयुक्त’ समझा। उनका तर्क है की
“संवाद’ ही एक मात्र रास्ता है? वैदिक
जी संवाद ‘सरकार’ एवं उसके
प्रतिनिधियों और राजनयिकों के साथ किया जाता है, ना की हाफ़िज़
सईद जैसे निर्मम “नर-भक्षक” के साथ??
आप
कहते है आप पत्रकार के रूप मे पूर्ण रूप से स्वतंत्र है की आप किसी से भी मिले और
वार्ता करे। वेद जी शायद आप आपने नाम की तरह “वैदिक” नहीं, आपके स्वभाव एवं ज्ञान मे “नैतिकता” एवं “मौलिकता” का अभाव लगता है। पता
नहीं अगर आप जैसे कुछ “बुद्धिजीवी” ऐसे ही “शांति-दूत” बन गए
और आपकी राह पर चल पड़े तोह शायद ‘समस्त-संसार’ मे शांति स्थापित हो जाएगी। क्यूकी आपको तोह यही लगता है की आपने तो कोई बहुत
बड़ा कारनामा किया है।
इंडिया
टीवी पर रजत शर्मा के साथ आपका साक्षात्कार देखा, आपके चेहरे के भाव बता रहे थे की आपने कितनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
कितना ‘शर्मनाक’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है ना की एक तरफ जहां दुनिया के कई
बड़े अमेरिका एवं ब्रिटेन जैसे देश ‘हाफिज़’ को ‘वांटेड’ घोषित कर उसके संगठन को प्रतिबंधित करते है वही दूसरी तरफ भारत के ‘स्वतंत्र-देशभक्त-पत्रकार’ वैदिक जी ‘उसे’ इतना ‘महत्व’ देते है की उससे मुलाकात करने मे
कोई ‘गुरेज’ नहीं है, ना ही शायद इसमे उन्हे कुछ ‘अनैतिक’ लगता है। देखने वाली बात होगी की बाबा
रामदेव इस ‘भरत-मिलाप’ पर क्या
प्रतिकृया देते है।
उम्मीद
है सम्पूर्ण भारत एक स्वर मे इसका विरोध करेगा। विशेष रूप से राजनीतिक वर्ग को सख्त
प्रतिकृया के साथ कड़ा संदेश देना चाहिए की आपकी “स्वतन्त्रता’ का अभिप्राय बिलकुल ये नहीं की आप देश के ‘गुनहगारों’ एवं ‘दुश्मनों’ के साथ ‘गुटूर-गू” करेंगे और ‘हम’
देखते रहेंगे। ऐसे सारे कृत ‘देशविरोधी’ है, ‘हम’ ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वैदिक
जी नरेंद्र मोदी के समर्थक के तौर पर भी देखे जाते है, बड़ा ही दिलचस्प होगा अगर नरेंद्र मोदी इस मसले पर कोई प्रतिकृया देते है।
व्यक्तिगत तौर पर मैंने नरेंद्र-मोदी का समर्थन केवल मात्र देश के ‘स्वाभिमान-के-मुद्दे’ पर किया है। मुझे लगता है बहुत
दिनो बाद भारत-माता को एक ‘देशप्रेमी-देशभक्त’ प्रधानमंत्री नसीब हुआ है जो देश को प्राथमिकता देता है और देश के बारे
मे सोचता है।
जय
हिन्द..... जय भारत
रोहित श्रीवास्तव
‘