वहीँ अजमेर: ख्वाजा
मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज और अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबिदीन अली
खान ने सरबजीत सिंह पर जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इसमें
पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईअसआई की साज़िश से इन्कार नहीं किया जा सकता है |
अब सोचने वाली बात ये है कि
अफजाल गुरु और कसाब कि फांसी के बाद हुए विरोध के बाद भी क्या सरकार को इस बात की
ज़रा सी भी समझ न थी की पाकिस्तानी जेल में बंद सरबजीत पर इस घटना का असर पड़ सकता है और उसे विशेष सुरक्षा दिए जाने के लिये
पाकिस्तानी सरकार को आगाह किया जाये, अगर हमारी सरकार दिन पर दिन इस तरह के संजीदा
मुद्दों पर ढीली पड़ती जायेगी तो वो दिन दूर नहीं जब हर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी
सुरक्षा और सुविधा पाने के लिये भारत में ही अपराध करेगा |
