ओ मेरे केदार बाबा संतान हें हम तेरी ....

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ओ मेरे केदार बाबा 
संतान हें हम तेरी 
क्या भूल हुई बता दे 
हमको छमा दिला दे
ओ मेरे केदार .......
द्वारे पे तेरे आके 
हर पाप धुल हें जाते 
क्या भूल हुई बता दे 
हमको छमा दिला दे 
ओ मरे केदार ......
माँ बिछुड़ गई बेटे से 
बेटा किसको माँ पुकारे ,
हर कोई हें इस आफत में 
अब किसकी मद्दत पुकारे 
ओ मेरे केदार बाबा ....
कोई भूख से व्याकुल बेठा
कोई प्यासा ही मर जाय 
हर कोई इस आफत में 
अब किसके द्वारे जाये 
ओ मेरे केदार बाबा .....
अब तू ही हें एक सहारा 
इन दुखियों का दुःख तू सुन ले 
बहुतों ने हें प्राण गवाएं 
अब इनकी रक्षा तू कर दे 
ओ मेरे केदार बाबा ..........

कवि --संजय कुमार गिरि
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