बच्चे जो फूलों की तरह कोमल होते हैं, और फूलों की ही तरह कोमल होता है | मगर आज के समय में ये बच्चे उस कोमल जीवन के जरा भी करीब हैं ? नहीं | सड़को पर, सिग्नल पर हमे हमेशा ऐसे बच्चे दिख ही जाते हैं जो अपनी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं, तो आखिर कौन हैं ये बच्चे और ये कहा से आते हैं |
दिल्ली के ही कुछ दोस्तों ने इस पर काफी विचार विमर्श किया है अौर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि महानगरों में सडक पर बच्चो से भीख मंगवाकर काला धन जमा करने वाले कई माफिया गिरोह सक्रिय हैं जिनकी पहंच बहुत उपर तक है | किस तरह से इस काले धंधे पर लगाम लगाई जाए | बचपन के सुहाने बेपरवाही के दिनों को जीने की आजादी इन बेघर, लावारीस, गरीब बच्चों को मिल सके | उन्हें सडको पर भीख मांगने के चंगुल से आजाद कराया जा सके | उनको भी सही जीने की राह मिल सके | इसी दिशा में एक कोशिश के जरिये 'राइड फॉर काज' 7 दिसंबर को पूरे दिल्ली में एक बाइक रैली के जरिये आम जनता को जागरूक करने की कोशिश करेगा |
आइये हम सब इस सराहनीय योगदान से जुड़ कर कुछ ऐसा करें आने वाले कल को सुरक्षित कर एक नयी और सकारात्मक दिशा दे सके |