एक रोचक तथ्य - महाभारत

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गांधारी को वेदव्यास ऋषि द्वारा 100 पुत्रों की माँ होने का वरदान था। गांधारी के गर्भ के समय गांधारी का गर्भकाल 2 वर्षों तक रहा उसके बाद व्यथित तथा चिंतित गांधारी ने अपना गर्भ गिरा दिया जिससे लोहे के सामान एक पिंड उत्पन्न हुआ वेदव्यास जी के निर्देश पर गांधारी ने इस पिंड पर ठंडा जल छिड़का जिससे इस पिंड से 101 टुकड़े हए ऋषि ने इस पिंड से हुए टुकड़ो को 100 घी से भरे कुंडो में स्थापित किया। जिससे 2 वर्ष पश्चात् 100 पुत्रों का जन्म हुआ। शेष एक पिंड से पुत्री दुःशाला का जन्म हुआ।

गांधारी के दो वर्ष के गर्भ के समय धृतराष्ट्र की सेवा एक वैश्य कन्या ने की जिससे धृतराष्ट्र के युयुत्सु नामक पुत्र हुआ। वह बहुत ही विवेकशील व बुद्धिमान था। महाभारत के युद्ध के समय वह पांडवों की और से लड़ा व युद्ध के अंत में जीवित बचा।

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